नई दिल्ली। थोक कीमतों के हिसाब से महंगाई दर जनवरी में 10 महीनों के निचले स्तर 2.76 प्रतिशत पर आ गई। बीते दिसंबर में थोक महंगाई दर 3.8 प्रतिशत और जनवरी, 2018 में 3.02 प्रतिशत थी।
सब्जियों, फलों और दूध के भाव में गिरावट थोक महंगाई दर घटने की सबसे बड़ी वजह रही। सरकार की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक समग्र तौर पर खाने-पीने की चीजों के मामले में थोक महंगाई बढ़ी है। जनवरी में इन चीजों की महंगाई दर 2.34 प्रतिशत रही, जो दिसंबर में शून्य से नीचे (-0.07 प्रतिशत) थी।
माह दर माह आधार पर जनवरी में अंडे और मांस की थोक महंगाई दर 4.55 प्रतिशत के मुकाबले 5.47 प्रतिशत हो गई। लेकिन, थोक में आलू की महंगाई दर 48.68 प्रतिशत से घटकर केवल 6.30 प्रतिशत रह गई। दूसरी तरफ प्याज के थोक भाव बढ़ने के बजाए घटे हैं। जनवरी में प्याज के थोक भाव 65.60 प्रतिशत घटे।
दिसंबर में भी प्याज 63.83 प्रतिशत सस्ता हुआ था। सभी सब्जियों के मामले में थोक महंगाई दर -17.55 प्रतिशत के मुकाबले -4.21 प्रतिशत रही। इसका मतलब है कि जनवरी में इनके भाव घटे तो हैं, लेकिन दिसंबर के मुकाबले इनमें कम गिरावट आई है। पिछले महीने दाल की महंगाई दर 2.11 से बढ़कर 7.55 प्रतिशत हो गई।
ईंधन, बिजली की महंगाई घटी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में ईंधन और बिजली की थोक कीमतों की वृद्घि दर घटकर 1.85 प्रतिशत रह गई, जो दिसंबर 2018 में 8.38 प्रतिशत थी। दूसरी तरफ कपड़े और शकर जैसी चीजों की थोक कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई, लेकिन मोटे तौर पर कारखानों में तैयार चीजों की थोक महंगाई कम हुई। जनवरी में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर घटकर 2.61 प्रतिशत रह गई, जो दिसंबर में 3.59 प्रतिशत थी।
खुदरा महंगाई भी घटी
जनवरी में खुदरा कीमतों के हिसाब से महंगाई दर घटकर 2.05 प्रतिशत गई। सब्जियों और अंडे समेत खाने-पीने की तकरीबन सभी चीजों की कीमतों में गिरावट आने से खुदरा महंगाई घटी है।
रिजर्व बैंक की नजर
देश में महंगाई पर रिजव बैंक की नजर रहती है। इन दिनों कम महंगाई को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने मौद्रिक नीति की पिछली समीक्षा में रेपो रेट 0.25 प्रतिशत घटाया था। केंद्रीय बैंक ने महंगाई तय लक्ष्य के दायरे में रहने और कच्चे तेल की कीमतें घटने को ब्याज दरें घटाने की अहम वजह बताई थी। रिजर्व बैंक रिटेल में महंगाई की स्थिति को ट्रैक करता है।
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