भोपाल। पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट 3 अगस्त को करेगा। बुधवार को जरनैल सिंह एवं 52 अन्य संलग्न मामलों की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह फैसला लिया है।
इसके लिए संविधान पीठ का गठन शनिवार को संभावित है। संविधान पीठ मप्र, बिहार, त्रिपुरा, महाराष्ट्र और केंद्र सरकार सहित अन्य करीब सौ प्रकरणों में एक साथ सुनवाई करेगी। पीठ एक ही दिन सुनवाई कर यह फैसला देगी कि एम. नागराज मामले में वर्ष 2006 में आया फैसला सही है या इस पर पुनर्विचार की जरूरत है।
केंद्र सरकार सहित चार राज्यों के पदोन्नति में आरक्षण के करीब सौ मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। संविधान पीठ के गठन और तीन अगस्त को सुनवाई करने का फैसला होने से इन सभी मामलों के निपटारे का रास्ता खुल गया है। सुप्रीम कोर्ट में प्रशासनिक कार्य शनिवार को किए जाते हैं।
इसलिए इस मामले में संविधान पीठ का गठन इसी शनिवार संभव है। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट की ग्रीष्मकालीन बेंच पदोन्नति को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों को फौरी राहत दे चुकी हैं और अब इन मामलों में स्थाई समाधान देने की तैयारी है। सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संगठन (सपाक्स) ने छह दिन पहले कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई थी।
सपाक्स के वकील के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने मामले में जल्द कार्यवाही आगे बढ़ाने का भरोसा दिलाया था। मामले में तीन सदस्यीय बेंच ने 7 नवंबर 2017 को अंतिम सुनवाई की थी और 14 नवंबर 2017 को यह प्रकरण संविधान पीठ को सौंपने का फैसला सुनाया था। इसके बाद से अब तक संविधान पीठ का गठन नहीं हुआ है।
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