मुरैना। मध्यप्रदेश का मुरैना जिला अक्सर किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहता हैं। यहां बहुत कुछ ऐसा भी दिखाई दे सकता है जो आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा। 21वीं सदी के मुरैना जिले में भी ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए यहां पुलिस को वे तरीके अपनाने पड़ते हैं जो किसी को भी हैरान कर सकते हैं।
यहां शहर के चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए ट्रैफिक सिग्नल, ट्रैफिक कर्मी नहीं बल्कि वे रस्से काम में आते हैं, जिनसे जानवर बांधे जाते हैं। चौराहे के हर रास्ते पर एक तरफ पोल से बंधा रस्सा होता है। ट्रैफिक रोकने के लिए दूसरे छोर पर खड़ा ट्रैफिक कर्मी इस रस्से को खींच कर ऊपर उठा देता है और ट्रैफिक रुक जाता है। ट्रैफिक फिर से शुरू करने के लिए रस्से को सड़क पर नीचे रख दिया जाता है और वाहन गुजरने शुरू हो जाते हैं।
ट्रैफिक सूबेदार हिमांशु तिवारी की मानें तो ऐसा इसलिए करना पड़ता है, क्योंकि यहां लोग न तो सिग्नल देखकर रुकते हैं और नहीं ट्रैफिक कर्मियों के संकेत पर। यहां लोगों पर जुर्माने भी किए जाते हैं, लेकिन फिर भी लोग चौराहे पर रुकना नहीं चाहते। लेकिन रस्से से ट्रैफिक रोकने का तरीका यहां सफल रहा है
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