सिवनी। नईदुनिया प्रतिनिधि
गिट्टी क्रेशर में मजदूरी कर अपना जीवन यापन करने वाले ग्राम बाकी निवासी शंकर के 6 वर्षीय पुत्र अभय को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत हृदय उपचार का लाभ मिला है। बचपन से हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित अभय के माता पिता द्वारा ग्रामीण परिवेश व अज्ञानता के चलते पुत्र के बार बार बीमार पड़ने पर ज्यादा ध्यान न देते हुए इलाज के लिए साधारणतः गांव के झोलाछाप डॉक्टर और झाड़- फूंक करवाकर ही वह संतुष्ट रहे।
स्कूल में शिविर के दौरान
जांच में पता लगी बीमारी
अभय की वास्तविक स्थिति की जानकारी माता पिता को तब लगी जब गोपालगंज की आरबीएसके टीम ने प्राइमरी स्कूल बाकी में स्वास्थ्य परीक्षण कैंप लगाया। स्कूल के सभी बधाों के परीक्षण के दौरान डाक्टरों ने अभय को हृदय रोग से पीड़ित होने का पता चला।
अभय के दिल की धड़कन सामान्य बधाों के दिल की धड़कन से काफी अलग व असामान्य थी। डॉक्टरों ने शिक्षकों को जानकारी देकर अभय के माता पिता को स्कूल में बुलवाकर समझाया और बधो को इको जांच करवाने की सलाह दी। आर्थिक स्थिति को देखते हुए बाल हृदय रोग शिविर में अभय
का निःशुल्क इको परीक्षण कराया गया। विशेषज्ञों ने पालकों से बच्चे का ऑपरेशन कराने की बात कही। 6 वर्षीय बधो के ऑपरेशन की बात सुनकर माता पिता चिंतित हो गए।
पहले आपरेशन से माता
पिता ने कर दिया था इंकार
माता पिता ने बच्चे का ऑपरेशन करवाने से साफ इंकार करते हुए गांव के झोलाछाप डॉक्टरों और झाड-फंूक के जरिए बधो का इलाज करवाने में लगे रहे। इस दौरान टीम सतत रूप से माता पिता के संपर्क में रही। एक दिन अचानक अभय की तबीयत बहुत खराब होने लगी। सांस लेने में तकलीफ को देखते हुए गांव की झोलाछाप डॉक्टरों ने बधो का इलाज करने के लिए हाथ खड़ा कर दिया। तब अभय के पिता ने टीम के डॉक्टरों से फोन से संपर्क किया। अभय बिगड़ती हालत के बारे में टीम के डॉक्टरों को जानकारी दी। डॉक्टरों ने तत्काल जिला अस्पताल से संपर्क कर बधो को ऑपरेशन के लिए नागपुर भिजवाया। कुछ माह पहले प्लेटीना हॉस्पिटल नागपुर में अभय का ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुआ। इसमे ऑपरेशन का खर्च 2 लाख 10 हजार रुपए में शासन की अभिनव योजना मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना अंतर्गत माता पिता को आर्थिक सहायता मिली। अभय ऑपरेशन के बाद बिल्कुल स्वस्थ है और सामान्य बधाों की तरह रोज स्कूल जाता है।
अपने अभय को खेलता कूदता देख माता-पिता बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि टीम के प्रयास और सहयोग से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के कारण आज अभय का निशुल्क और सफल ऑपरेशन हो सका।
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