अलीगढ़। एएमयू से बर्खास्त पीएचडी स्कॉलर मन्नान वानी को सेना द्वारा ढेर किए जाने के बाद जनाजे की नमाज के प्रयासों पर बवाल शुरू हो गया है। नमाज की कोशिशों को लेकर जहां सांसद सतीश गौतम ने नाराजगी जताई है वहीं यूनिवर्सिटी ने इस तरह के दावों से इनकार किया है।
खबरों के अनुसार उन्होंने एएमयू के उपकुलपति को पत्र लिखकर पूछा है कि ऐसे छात्रों पर क्या कार्रवाई की गई। साथ ही एएमयू के पूरे कैंपस की जांच कराने का सुझाव भी दिया है।
उन्होंने कहा है कि कैंपस में सरकार विरोधी और देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कश्मीरी आतंकवादी अफजल गुरू की फांसी के समय किए गए कार्यक्रम की परिणति है कि आज यहां मन्नान वानी पैदा हो गया। अब एएमयू के सभी काउसिंलिंग सेंटरों को कार्रवाई सेंटर में बदल देने का समय आ गया है।
उपकुलपति को लिखे पत्र में कहा गया है कि दुर्दान्त आतंकवादी अब्दुल मन्नान वानी को सुरक्षाबलों द्वारा जान पर खेल कर मौत के घाट उतार देने पर एएमयू के तथाकथित कश्मीरी छात्र एवं छात्राओं ने नमाज ए जनाजा के आयोजन का प्रयास किया। ऐसा लगता है कि एएमयू पर किसी का नियंत्रण नहीं है।
एएमयू द्वारा क्या कार्रवाई इन लोगों के खिलाफ की गई, संपूर्ण ब्यौरे के साथ मुझे भी अवगत कराने का कराएं, जिससे अगली कोर्ट मीटिंग में इस पर विस्तृत चर्चा हो सके। एक बार एएमयू के संपूर्ण कैंपस एवं छात्रावासों को खाली कराकर एक-एक छात्र की और खासतौर पर कश्मीरी छात्र-छात्राओं की जांच करा ली जाए। इसके बाद उनको अध्ययन के लिए प्रवेश दिया जाए। क्योंकि, कोई भी एक दिन में में आतंकवादी नहीं बन जाता।
पूरे मामले में यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी उमर पीरजादा ने कहा है कि एएमयू में आतकी मन्नान वानी के लिए जनाजे की नमाज की खबरें पूरी तरह से झूठी हैं। यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ और होने भी नहीं दिया जाएगा। कुछ छात्रों का अवैध एकत्रिकरण जरूर हुआ जिसे अन्य छात्रों ने सफल नहीं होने दिया।
News of funeral prayers being held for terrorist Manan Wani in AMU is completely false. It did not happen, neither it will ever happen nor we will let it happen.There was an unlawful assembly of few students but that also was stopped by other students: Omar Peerzada,AMU PRO pic.twitter.com/OCB2cGo8xO
— ANI UP (@ANINewsUP) October 12, 2018
